किसी और के पैसे को अपने खाते में जमा करवा रहे हैं तो ये ज़रूर पढ़ें

kaale dhan ko apne account me jamaa na karavayen

काले धन, नक़ली करंसी और सीमा पार और देश के अंदर ही देश के दुश्मनों की कमर तोड़ने के लिए भारत सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपए के बड़े नोटों को बंद करने के फ़ैसले से बड़ी मात्रा में काला धन रखने वाले सकते में है।

जहाँ देश भर में लोगों द्वारा काले धन को नदियों, नालों और अन्य स्थानों पर फैंकने की ख़बरें आ रही है वहीं बड़ी मात्रा में काले धन की धर-पकड़ भी हो रही है।

अभी तक ग़रीबों के हक़ के करोड़ों रुपए दबा कर बैठने वाले ये लोग आज उन्हीं लोगों से अपने धन को इन लोगों के बैंक अकाउंट में जमा करवाने के लिए मिन्नतें कर रहे है ताकि वे लोग अपने काले धन को सफ़ेद कर सकें।

यदि आपको भी ऐसे ही कुछ लोग अपना धन आपके खाते में जमा करवाने के लिए कह रहे है तो आप भी इनके झाँसे में ना आएँ क्यों कि ऐसा करना आपके लिए भी मुश्किल का सबब बन सकता है।

क्यों अपने खाते में किसी और का काला धन ना जमा करवाएँ?

  1. यह बेनामी सम्पत्ति संव्यवहार अधिनियम 1988 के तहत प्रतिशेष है।
  2. बेनामी अधिनियम के तहत, जो व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति का बेहिसाब धन अपने बैंक खाते में जमा करता है, उसे बेनामीदार माना जाएगा।
  3. बेनामीदार, हिताधिकारी स्वामी तथा कोई अन्य व्यक्ति जो बेनामी संव्यवहार के लिए उकसाता है या प्रलोभन देता है, उसे 1 वर्ष से 7 वर्ष तक का सश्रम कारावास हो सकता है तथा उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
  4. उस बैंक के खाते में जमा राशि को ज़ब्त किया जा सकता है।
काला धन मानवता के विरुद्ध एक अपराध है, क्यों कि काला धन रखने वाले ग़रीबों के हक़ के पैसे को अपने पास दबा कर रख लेते है और इस काले धन से समाज में बहुत से अपराध, आतंकवाद और अन्य काले काम होते है और महँगाई बढ़ती है जिससे ग़रीबों का जीवन और दुस्वार हो जाता है।आज सब सरकार इसके ख़िलाफ़ लड़ रही है तो हम आम लोगों का भी धर्म है कि हम इस लड़ाई में सरकार के साथ खड़े हों, ना कि काला धन रखने वालों के साथ। आज अख़बारों में दिए विज्ञापनों में भारत सरकार के आयकर विभाग ने सभी नागरिकों से अनुरोध किया है कि –

सभी कर्तव्यनिष्ठ नागरिकों से हमारा अनुरोध है कि इसके उन्मूलन में सरकार को सहयोग दें।

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