सिंघाड़ा खाने के ये फायदे आपको हैरान कर देंगे

सर्दियों का बहुत ही अच्छा माना जाने वाला फल सिंघाड़ा हर किसी के मन को भाता है, मुझे नहीं लगता की कोई इसे पसंद ना करता हो। आप चाहे तो इसे चटनी के साथ खा सकते हो या फिर इसे  कच्चा ही चक सकते हो। यह हर तरह से लाजवाब होता है। सिंघाड़ा व्रत वाले व्यक्तियों के लिए पहली पसंद होती है। आप इसके आटे की पूड़ियां और हलवा भी बनाकर प्रयोग कर सकते हैं।
ऐसी बात नहीं है की यह केवल खान में ही काम आता है। बल्कि सिंघाड़े के अंदर बहुत सारे पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं। इसमें विटमिन ए, बी और सी अच्छी मात्रा में होता है। आज आपको सिंघाड़े के आयुर्वेदिक गुणों के बारे में बताया जायेगा।
Singhada khane ke fayde hindi me
 Image source 

सिंघाड़ा खाने के फायदे

1. सिंघाड़ा अस्थमे के रोगियों के लिए फायदेमंद होता है। थोडे से पानी के अंदर अगर आप थोडा सा सिंघाड़े का आटा डाल के पीयेंगे तो आपको अस्थमे में आराम मिलेगा।
2. सिंघाड़े का प्रयोग बवासीर में भी किया जाता है। हर रोज कुछ कच्चे सिंघाड़े खाने से बवासीर की परेशानी दूर हो जाती है। अगर आप इसे गर्मी में लेना चाहे तो इसके आटे का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके आटे की रोटी भी अच्छी लगती है।
3. सिंघाड़ा महिलाओं के गर्भाशय के लिए भी फायदेमंद होता है। जिन महिलाओं का गर्भाशय कमजोर है उन्हें हर रोज कच्चा सिंघाड़ा खाना चाहिए।
4. सिंघाड़ा शरीर की जलन को भी दूर करता है। इसकी बेल को पीसकर उसका पेस्ट बनाकर जलन वाली जगह पर लगाने से जलन में आराम मिल जाता है।
5. जिन बच्चों या वयस्कों की हड्डियां और मांसपेशियां कमजोर रहती हैं तो उन्हें हर रोज सिंघाड़ा खाना चाहिए । सिंघाड़ा में मौजूद तत्व पित्त और कफ को खत्म करते हैं।
6. सिंघाड़ा गले के रोगों में भी फायदेमंद होता है।  सिंघाड़े के आटे को दूध में मिलाकर पीने से गले के रोगों से राहत मिलती है।  सिंघाड़े में आयोडीन की अच्छी मात्रा पायी जाती है। जिससे गले का घेघा रोग भी ठीक हो जाता है। सिंघाड़ा खाने से आखों की रोशनी बढ़ती है। सिंघाड़े में विटमिन ए पाया जाता है। इसलिए इसके सेवन से आखों की रोशनी की दिक्कत दूर होती है।
7. सिंघाड़ा से हड्डियां मजबूत होती है। और आपको नकसीर की बीमारी है तो आप नियमित रूप से सिंघाड़ा खाना चाहिए। क्योंकि इसके लिए सिंघाड़ा बहुत ही फायदेमंद होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.