भारतीय भाषाओं के लिये प्रोद्योगिकी विकास – TDIL : Technology Development for Indian Language

भारत एक बहुभाषी देश है, जो  22 से भी ज्यादा अधिकारिक भाषाओं और अनगिनत अन्य बोलियों से संपन्न है. ऐसे में सूचनाओं सेवाओं और संवाद के  तंत्र को विकसित करना चुनौती भरा काम है.

लेकिन कंप्यूटर और इन्टरनेट की तकनीकी के माध्यम से हम भाषाओं की विभ्भिन्ताओं से पार पा सकते है और देश के हर नागरिक को उनकी अपनी भाषा में सभी सूचनाओं और ज्ञान से जोड़ सकते है.

इसलिए भारतीय भाषा में कम्प्यूटिंग और इन्टरनेट का विकास  देश के तकनीक विभाग और वैज्ञानिकों के लिये प्राथमिकता रही है.

और इसके लिये भारत सरकार के सुचना प्रोद्योगिकी विभाग  द्वारा  TDIL यानि Technology Development for Indian Language “भारतीय भाषाओं के लिये प्रोद्योगिकी विकास” कार्यक्रम प्रारंभ किया गया.

इस कार्यक्रम का उद्देश्य कंप्यूटर और इन्टरनेट के लिये भारतीय भाषा में सॉफ्टवेर, टूल, प्रोग्राम, कोम्पुटिंग तकनीकी, ऑपरेटिंग सिस्टम इत्यादि का विकास करना, जिससे भारतीय कंप्यूटर और इन्टरनेट से अपनी भाषा में संवाद व प्रयोग कर सकें.

TDIL इसके लिये विभ्भिन सॉफ्टवेर और अन्य टूल का निर्माण कराती है और उन्हें लोगों को इन्टरनेट के माध्यम से मुफ्त में उपलब्ध करवाती है, जैसे

  • फॉण्ट
  • ओपन ऑफिस
  • मेसेंजर
  • ब्राउजर 
  • इमेल क्लाइंट
  • शब्द संसाधक 
  • भाषा अनुवादक
  • शब्दकोष
  • कोड परिवर्तक
  • ऑपरेटिंग सिस्टम
  • इत्यादि..
आप इन टूल को TDIL की वेबसाइट से डाउनलोड करके प्रयोग कर सकते है.

भारतीय भाषाओं के लिये प्रोद्योगिकी विकास, TDIL, Technology Development for Indian Language

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